Protests erupt outside Kasba Police station as 3 arrested in alleged Kolkata college gang rape
कभी केरोसिन का उपयोग खाना पकाने और घरों में रोशनी के लिए मुख्य रूप से किया जाता था। लेकिन एलपीजी गैस और बिजली कनेक्शन के विस्तार के बाद से देश के अधिकांश राज्यों में इसकी मांग में भारी गिरावट आई है।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में केरोसिन के भारी उपयोग पर केंद्र ने सवाल उठाए हैं। देशभर में जहां केरोसिन का उपयोग धीरे-धीरे कम हो रहा है, वहीं बंगाल में इसकी खपत में कमी के कोई संकेत नहीं दिख रहे। केंद्र सरकार का आंकड़ा बताता है कि 2023-24 में देशभर में वितरित केरोसिन का 66.38 फीसदी पश्चिम बंगाल में खपत हुआ।
कभी केरोसिन का उपयोग खाना पकाने और घरों में रोशनी के लिए मुख्य रूप से किया जाता था। लेकिन एलपीजी गैस और बिजली कनेक्शन के विस्तार के बाद से देश के अधिकांश राज्यों में इसकी मांग में भारी गिरावट आई है। हालांकि, पश्चिम बंगाल इस प्रवृत्ति से अलग नजर आ रहा है। केंद्र सरकार ने पिछले वित्त वर्ष में बंगाल को सात लाख चार हजार 16 किलोलीटर सब्सिडी वाला केरोसिन आवंटित किया। वहीं, बिहार को सिर्फ 6.02 फीसदी और ओडिशा, असम, मध्य प्रदेश तथा झारखंड जैसे राज्यों को दो से पांच फीसदी के बीच केरोसिन मिला। उत्तर प्रदेश, गुजरात और राजस्थान जैसे राज्यों में तो अब केरोसिन का उपयोग पूरी तरह बंद हो चुका है।
केंद्र ने जताई "दुरुपयोग" की आशंका
केंद्र सरकार का कहना है कि बंगाल में केरोसिन का उपयोग पेट्रोल और डीजल में मिलावट के लिए किया जा रहा है। पेट्रोलियम मंत्रालय ने इस वर्ष जून में राज्य सरकार को इस दुरुपयोग को रोकने के लिए पत्र भी लिखा था। इसके बावजूद, बंगाल में सब्सिडी वाले केरोसिन की मांग लगातार बनी हुई है।
पेट्रोलियम राज्य मंत्री सुरेश गोप ने संसद में बताया कि राज्य सरकार के दावे के अनुसार, केरोसिन केवल राशन कार्ड धारकों को वितरित किया जाता है। राज्य प्रशासन और प्रवर्तन शाखा इसका नियमित निरीक्षण करते हैं।
2016 में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना शुरू होने के बाद से गरीब परिवारों को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन दिए गए। देश में एलपीजी उपयोगकर्ताओं की संख्या अब 32.83 करोड़ हो चुकी है। लगभग हर घर में एलपीजी कनेक्शन होने के बावजूद पश्चिम बंगाल में केरोसिन की अधिक मांग पर राज्य भाजपा ने सवाल उठाए हैं।
राज्यसभा सांसद शमीक भट्टाचार्य ने आरोप लगाया कि यह केरोसिन बंगाल से बांग्लादेश तस्करी किया जा रहा है। यहां शायद ही कोई परिवार होगा जो केरोसिन का उपयोग करता हो। बावजूद इसके, सब्सिडी वाला केरोसिन कहां जा रहा है, इसकी जांच होनी चाहिए।
केंद्र और राज्य सरकार के बीच इस मुद्दे पर टकराव बढ़ने की संभावना है। बंगाल सरकार ने केंद्र के आरोपों का खंडन करते हुए दावा किया है कि केरोसिन का वितरण पारदर्शी तरीके से हो रहा है।